MKSY-Kanya Sumangala yojana ऑनलाइन आवेदन ,पात्रता सभी डिटेल्स यहाँ देखें)

kanya Sumangala yojana:उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य बाजलकाओं की मदद करना तथा सामाजिक में व्याप्त सामाजिक कुरितियो  और भेदभाव जैसे कन्या भ्रूण हत्या, बाल विवाह तथा पररवार में बालिकाओ के प्रति नकारात्मक मनसिकता को समाप्त  करना है, जो बालिकाओ और महिलाओ को सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित उनके मौलिक अधिकारों को प्राप्त करने में बाधा उत्पन्न करती हैं।

यह एक पहल है जो बालिकाओ के विकास के साथ-साथ उनके लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करती  है |

कन्या सुमंगला योजना के तहत सभी बालिकाओ को आगे ले जाना तथा शिक्षा को बढावा देना ,आर्थिक स्तिथि को सुधार करना ,लोगो कि सोच बदलना बेटा और बेटी में भेद न करना आदि को बदलने के लिए इस योजना कि शुरुआत किया गया|

चलिए जानते है कि कौन से चरण में कितना लाभ मिलेगा

  • पहला चरण

01/04/2019 को या उसके बाद जन्म लेने वाली बालिका को 5000/-रुपये एकमुश्त मिलेंगे (यह 01/04/2019 से लागू है )

  •  दूसरा चरण  

वह बालिका  जिसका पूर्ण टीकाकरण  हो चुका है तथा जिसका जन्म  01/04/2018  से पहले नहीं हुआ है, उसे 2000/- रुपये  एकमुश्त  (01-04-2024 से प्रभावी)  लाभ जमलेगा।

  • तीसरा चरण

वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान  कक्षा 1 में दाखिला लेने वाली बालिका को  एकमुश्त 3,000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी  (दिनांक 01-04-2024 से प्रभावी) ।

  • चौथा चरण

वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान  कक्षा 6 में दाखिला लेने वाली बालिकाओ  3000/- रुपये एकमुश्त (01-04-2024 से प्रभावी) मिलेगा  ।

  •  पांचवा चरण  

वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान  कक्षा 9 में दाखिला लेने वाली बालिका को   5000/- रुपए एकमुश्त (01-04-2024 से प्रभावी) का लाभ मिलेगा |

  • छटवां चरण

वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के दौरान  में कक्षा 10 या कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली तथा स्नातक डिग्री /कम से कम 2 वर्षीय प्रमाणित डिप्लोमा  पाठ्यक्रम में दाखिला लेने वाली बालिकाओ को  7000/- रुपए एकमुश्त (01-04-2024 से  प्रभावी) का लाभ मिलेगा  ।

  • यदि आवेदक माता पिता है, तो बैंक विवरण के लिए प्राथमिकता माँ कि होनी चाहिए ,लेकिन वह नहीं है तो पिता के बैंक खाते पर सरकार विचार कर सकती है |
  • यदि माता पिता दोनों जीवित नहीं है और आवेदक अभिभावक है ,तो अभिभावक का बैंक विवरण आवश्य होना चाहिए
  • यदि बालिका वयस्क है तो वह लाभ के लिए आवेदन कर सकती है और उसका बैंक विवरण आवश्य होना चाहिए |
  • यदि आवेदक का प्रकार अपना स्वयं का है तो वह केवल छटवां चरण ही आवेदन कर सकता है |

MKSY-Kanya Sumangala yojana-आवश्यक दस्तावेज –

  • निवास प्रमाण पत्र
  • बैंक पासबुक (माता या पिता या अभिभावक )
  • मृत्यु प्रमाण पत्र (माता या पिता के जीवित न होने दशा में )
  • आधार कार्ड ( माता -पिता दोनों का अनिवार्य है )
  • ई सत्यापन के लिए जन्म प्रमाण पत्र
  • फोटो (जन्म के समय माता और बच्चे का एक साथ फोटो )
  • सपथ पत्र

योजना के मुख्य बिंदु

  1. पंजीकरण: कन्या सुमंगला योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए बालिकाओं का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जा सकती है।
  2. लाभार्थी: यह योजना केवल उत्तर प्रदेश की मूल निवासी बालिकाओं के लिए ही लागू होती है।
  3. आर्थिक सहायता: योजना के तहत बालिकाओं को उनके जन्म से लेकर उनकी उच्च शिक्षा तक विभिन्न चरणों में आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
  4. आय सीमा: इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार की वार्षिक आय ₹3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  5. बैंक खाता: लाभार्थी बालिका और उसके माता-पिता के पास बैंक खाता होना आवश्यक है, जिसमें सहायता राशि सीधे हस्तांतरित की जाएगी।

MKSY-Kanya Sumangala yojana-ऑनलाइन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन करने के लिए सरकार कि ऑफिसियल वेबसाइट पर जाना होगा ,जहाँ पर आप पूरी क्रमवार ऑनलाइन प्रक्रिया कर सकते है –

  • सबसे पहले ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएँ https://mksy.up.gov.in/

नागरिक सेवा पोर्टल लिखा हुआ आएगा उस पर क्लिक करे |

  • मोबाइल नंबर भरने के बाद otp जायेगा ,फिर एग्री करने के बाद आगे बड़े ….

उपरोक्त सूचना के माध्यम से आप आसानी से अपना फॉर्म भर सकते है |01/04/2024 से पहले 15000/- का लाभ मिलता था लेकिन अब up सरकार के द्वारा 01/04/2024 के बाद 25000/- रुपये हो गया है |जल्दी से लाभ उठाये अधिक जानकारी के लिए हमारी ऑफिसियल वेबसाइट पर जाये|

Kanya Sumangala yojana का उद्देश्य

कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत सरकार बालिकाओं के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा और विवाह तक आर्थिक सहायता प्रदान करती है।

इस योजना के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:

  • लिंग अनुपात में सुधार – समाज में बेटियों के जन्म को प्रोत्साहित करना और बेटा-बेटी के भेदभाव को कम करना।
  • शिक्षा को बढ़ावा – बालिकाओं को अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना, ताकि उनकी शिक्षा बाधित न हो।
  • सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण – बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में मदद करना ताकि वे अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकें।
  • बाल विवाह रोकना – उचित उम्र में विवाह के लिए प्रोत्साहित करना और बाल विवाह जैसी समस्याओं को रोकना।

    सहायता राशि किस प्रकार दी जाती है:

    इस योजना के तहत छह चरणों में सहायता राशि दी जाती है:

    • जन्म के समय
    • एक वर्ष का टीकाकरण पूरा होने पर
    • पहली कक्षा में प्रवेश पर
    • छठी कक्षा में प्रवेश पर
    • नौवीं कक्षा में प्रवेश पर
    • स्नातक या व्यावसायिक कोर्स करने पर

    कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य बेटियों को शिक्षा और स्वस्थ जीवन के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें एक उज्जवल भविष्य देने में सहायता करना है।

    Kanya Sumangala yojana चालू करने का उद्देश्य

    मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का उद्देश्य उत्तर प्रदेश राज्य में बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार आर्थिक सहायता प्रदान करती है ताकि बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास को प्रोत्साहन मिल सके। इसका मुख्य उद्देश्य बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना और लिंग असमानता को कम करना है।

    इस योजना के तहत, बालिका के जन्म से लेकर उसके स्नातक तक की पढ़ाई पूरी होने तक चरणबद्ध रूप से आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके कुछ प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

    • शिक्षा में प्रोत्साहन – बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करना और उनकी उच्च शिक्षा को संभव बनाना।
    • लिंग समानता को बढ़ावा देना – समाज में लड़कियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ाना और कन्या भ्रूण हत्या को रोकना।
    • आर्थिक सहायता – गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना ताकि वे अपनी बेटियों को पढ़ा सकें और उनका पालन-पोषण कर सकें।
    • स्वास्थ्य और पोषण – बालिकाओं के बेहतर स्वास्थ्य और पोषण को सुनिश्चित करना ताकि वे शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बन सकें।

      कन्या सुमंगला योजना का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बालिकाएं समाज में सशक्त और आत्मनिर्भर बन सकें।

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